|| स्टाम्प ड्यूटी क्या है? | Stamp Duty Kya Hai in Hindi | स्टाम्प ड्यूटी कितना भुगतान किया जाता है? | स्टाम्प ड्यूटी की गणना कैसे करें? | स्टाम्प ड्यूटी भरने के क्या फायदे है? |
जब भी हम किसी क्षेत्र में किसी प्रकार की जमीन खरीदते है तो हमें उस जमीन की रजिस्ट्री करवाने के लिए रजिस्टर्ड ऑफिस में जाना पड़ता है। आज आप चाहें जमीन या प्रॉपर्टी को खरीद रहे हैं अथवा किसी के साथ जमीन की अदला-बदली कर रहे हैं तो आपको उस जमीन की रजिस्ट्री करवानी होगी, किसी भी तरह की जमीन या मकान की रजिस्ट्री करने के दौरान लोगो से स्टाम्प ड्यूटी चार्ज लिया जाता है।
लेकिन अधिकतर लोगो को स्टाम्प ड्यूटी क्या है? (Stamp Duty Kya Hai in Hindi) के बारे में जानकारी नहीं है जिसकी वजह से उन्हें समझ नही आता है कि जमीन रजिस्ट्री पर स्टाम्प ड्यूटी चार्ज क्यों लिया जाता है? अगर आप जानना चाहते है स्टाम्प ड्यूटी क्या है? (Stamp Duty Kya Hai in Hindi) तो आपको इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ना चाहिए।
क्योंकि इस Post में हमने स्टाम्प ड्यूटी क्या होता है? स्टाम्प ड्यूटी कितना भुगतान किया जाता है? और इसके भुगतान करने के क्या फायदे हैं? आदि के बारे में जानकारी साझा की है तो और अधिक समय न लेते हुए चलिए What is stamp duty? के बारे में जानते है-
स्टाम्प ड्यूटी क्या है? (Stamp Duty Kya Hai in Hindi)
यह एक प्रकार का शुल्क होता है जो अधिकांश मामलों में वसूल किया जाता है। स्टाम्प ड्यूटी वसूल करने का काम स्थानीय शासन अधिकारी द्वारा किया जाता है। स्टाम्प ड्यूटी विभिन्न कारोबार जैसे कि विवाह, खरीदारी, बिक्री, संपत्ति का बंटवारा और वित्तीय दस्तावेजों के साथ काम करना आदि के लिए लागू की जाती है। अधिकांश राज्यों में Stamp Duty की दरें अलग-अलग होती है लेकिन फिर भी यह कर डायरेक्ट केंद्र सरकार के पास पहुंचता है।
आप इसे इस प्रकार से समझ सकते हैं जैसे कि जब कोई व्यक्ति किसी चेत्र में कोई जमीन खरीदना है तो उसे अपने नाम कराने के लिए पूरी करवानी पड़ती है जमीन खरीदने वाले व्यक्ति को काम करना पड़ता है। अगर कोई व्यक्ति Stamp Duty का भुगतान करके जमीन की रजिस्ट्री करवाता है तो भविष्य में उस जमीन पर किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर जमीन धारक रजिस्ट्रार से फाइल रजिस्टर्ड से उस जमीन से संबंधित फाइल को कोर्ट में गवाह के रूप में पेश कर सकता है.
लेकिन अधिकतर लोगो को स्टाम्प ड्यूटी कितना भुगतान किया जाता है? और Stamp Duty भुगतान करने के क्या फायदे हैं? आदि से जुड़ी जानकारी नहीं है जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ती हैं अगर आप इस टाइम ड्यूटी के फायदे और स्टांप ड्यूटी कितनी देनी होती है? के बारे में जानना चाहते हैं तो इसकी जानकारी नीचे उपलब्ध कराई गई है।
स्टाम्प ड्यूटी कितना भुगतान किया जाता है?
स्टाम्प ड्यूटी भारत में वस्तु वा सेवाओं की खरीद पर लगाया जाने वाला कर है। किसी भी तरह की जमीन की खरीद के दौरान सदैव खरीदार के द्वारा स्टाम्प ड्यूटी का भुगतान किया जाता है। भारत के विभिन्न राज्यों में स्टाम्प ड्यूटी की दरें अलग-अलग होती हैं। इसलिए अगर कोई व्यक्ति कोई जमीन या फिर प्रॉपर्टी खरीद रहा है तो पहले उसे यह जान लेना चाहिए कि स्टांप ड्यूटी कितना देना होगा।
आमतौर पर सरकार के द्वारा किसी जमीन या संपत्ति के बाजार मूल्य का 5% से 7% स्टांप ड्यूटी शुल्क लिया जाता है लेकिन अगर आप जानना चाहते हैं कि आप जिस राज्य में निवास कर रहे है वहां स्टांप ड्यूटी कितना भुगतान किया जाता है तो आप इसके संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने स्थानीय अधिकारियों से परामर्श ले सकते है।
स्टाम्प ड्यूटी की गणना कैसे करें?
जैसा कि आप जान चुके हैं कि स्टाम्प ड्यूटी एक प्रकार का गवर्नमेंट टैक्स होता है और यह अलग अलग राज्यों मे अलग अलग होता है लेकिन अगर आपको स्टैंप ड्यूटी चार्ज की गणना करनी हो आप अपने राज्य के सर्जिकल रेट यारी जमीन के सरकारी रेट के आधार पर स्टांप ड्यूटी चार्ज की गणना कर सकते हैं क्योंकि सरकार के द्वारा जमीन के सरकारी रेट के अनुसार ही इस टाइम ड्यूटी निर्धारित की जाती है। इसके अलावा भी कई ऐसे कारक हैं जिनके आधार पर इस टाइम ड्यूटी निर्धारित की जाती है जैसे जेड
- जमीन यह संपत्ति की मार्केट वैल्यू
- संपत्ति का प्रकार और आकार
- संपत्ति के आवासीय है या वाणिज्यिक
- संपत्ति किस स्थान पर है
- इसके अलावा खरीदार की आयु और लिंक
उपरोक्त कारकों के आधार पर भी केंद्र सरकार के द्वारा संपत्ति के लिए इस टाइम ड्यूटी निर्धारित की जाती है इसलिए किसी भी जमीन या प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करने से पहले इस टाइम ड्यूटी के बारे में जानकारी प्राप्त करना काफी फायदेमंद हो सकता है।
स्टाम्प ड्यूटी भरने के क्या फायदे है?
हमारे बीच ऐसे बहुत से लोग हैं जिनको यह सवाल परेशान कर रहा होगा कि इस Stamp Duty भुगतान करने के क्या फायदे हैं? कैसे संपत्ति खरीदने वाले को फायदा मिलता है? तो हम आपको बता दें कि यह सरकार के द्वारा आम जनता के विकास के लिए लिया जाने वाला एक सरकारी टैक्स है अर्थात लोगों से जो संपत्ति की खरीद या बिक्री के दौरान सरकार स्टांप ड्यूटी शुल्क लेती है।
वह आम जनता के विकास में लगता है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति कोई संपत्ति खरीद लेता है और उसे बाद में कोई विवाद है परेशानी से जूझना पड़ता है तो ऐसी स्थिति में वह इस टाइम ड्यूटी का उपयोग करके न्यायालय में अपनी जमीन पर कानूनी हक वापस प्राप्त कर सकता है।
Stamp Duty Related FAQs
स्टाम्प ड्यूटी क्या है?
यह एक प्रकार का गवर्नमेंट टैक्स है जो सीधे केंद्र सरकार को पहुंचता है। आमतौर पर यह टेक्स विभिन्न प्रकार की संपत्ति की बिक्री और खरीद के दौरान खरीददार से वसूला जाता है।
क्या हर राज्य में स्टाम्प ड्यूटी टैक्स एक समान होता है?
जी नही, भारत के अलग-अलग राज्यों में स्टांप ड्यूटी टैक्स अलग अलग होता है जिसकी सटीक जानकारी आप स्थानीय अधिकारियों से प्राप्त कर सकते हैं।
क्या स्टाम्प ड्यूटी पर आयकर कटौती के रूप में क्लैम किया जा सकता है?
जी हां कोई भी खरीददार आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के अंतर्गत टैक्स कटौती के रूप में अधिकतम ₹100000 तक की सीमा का दावा कर सकता है और यदि आयकर दाता आइटीआर फाइल कर देता है तो उसे टैक्स पर भी छूट मिलती है।
क्या स्टांप ड्यूटी में जीएसटी शामिल होता है?
जी नही, स्टाम्प ड्यूटी और जीएसटी संपत्ति की बिक्री पर लगाए जाने वाला चार्ज एक दूसरे से अलग अलग होते है अर्थात् स्टांप ड्यूटी में जीएसटी शामिल नहीं होता है।
क्या रजिस्ट्रेशन चार्ज और स्टाम्प ड्यूटी होम लोन में शामिल है?
जी नही, रजिस्ट्रेशन चार्ज और स्टाम्प ड्यूटी होम लोन में शामिल नहीं होते है बल्कि ये खरीददार के द्वारा दिया जाने वाला अतरिक्त खर्च होता है।
निष्कर्ष
आज हमने आपके लिए अपने इस Blog Post के द्वारा स्टाम्प ड्यूटी क्या है? (Stamp Duty Kya Hai in Hindi) के बारे में समस्त जानकारी साझा की है। हम आशा करते है कि आपको हमारे द्वारा इस पोस्ट में बताई गई सभी जानकारी पसंद आई होगी।
अगर आपके मन में अभी भी स्टाम्प ड्यूटी क्या है? (Stamp Duty Kya Hai in Hindi) से संबंधित कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए गए कमेंट सेक्शन में कमेंट करके अपने प्रश्न पूछ सकते है। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इसे अधिक से अधिक अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।