Pita Ki Mrityu Ke Baad Sampatti Vitran Kaise Kare: यदि किसी परिवार में पिता की मृत्यु बिना वसीयत बनाई हो जाती है तो पिता की मृत्यु के बाद परिवार में संपत्ति को लेकर कई तरह के विवाद होने लगते है और कई बार तो संपत्ति के चलते परिवार में लड़ाई झगड़ा खून खराबा तक हो जाता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए भारतीय कानून के अंतर्गत पिता के संपत्ति विवरण करने के लिए कई प्रकार के नियम और कानून बनाए गए हैं जिसके तहत पिता की मृत्यु के बाद परिवार के बीच संपत्ति का विवरण किया जा सकता है।
लेकिन अधिकांश लोगों को पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति वितरण कैसे करे? (Pita Ki Mrityu Ke Baad Sampatti Vitran Kaise Kare) के संबंध में बनाए गए नियमों की जानकारी नहीं होती है जिसकी वजह से लोक परिवार के बीच संपत्ति का वितरण सही से नहीं कर पाते है। हमारे बीच बहुत सारे ऐसे परिवार है, जिनमें पिता की मृत्यु बिना वसीयत के हो जाती है और फिर पिता की संपत्ति का विवरण को लेकर परिवार में कई तरह के मतभेद सामने निकल कर आते है।
अगर आप भी पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति वितरण कैसे करे? के संबंध में जानकारी हासिल करने हमारे इस लेख में आए हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही लिखा गया है क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आप अपने पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति का बंटवारा किस प्रकार से कर सकते है तो आइए शुरू करे-
पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति वितरण कैसे करे?
यदि कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति की वसीयत बनाएं बिना ही मर जाता है तो उसकी संतानों के बीच उसे संपत्ति का वितरण करने के लिए भारत सरकार के द्वारा एक नियम बनाया गया है जिसके अनुसार पिता की संपत्ति को उसके बारिश यानी परिवार सभी सदस्य जैसे कि- बेटे, बेटी, पत्नी और मां को सामान रूप से विभाजित किया जाएगा. और यदि पिता की मृत्यु के दौरान परिवार में बेटा और बेटी नाबालिक हैं तो उसे संपत्ति का पूरा अधिकार माता के अधिकार किया जाएगा।
और यदि पिता अपनी मृत्यु से पहले ही वसीयत तैयार करवा देता है तो उसे वसीयत के अनुसार ही परिवार के सभी सदस्यों में संपत्ति विभाजित की जाती है. यदि किसी व्यक्ति के पिता की मृत्यु वसीयत बनाए बिना हो गई है और आप अपने पिता की संपत्ति (Pita Ki Mrityu Ke Baad Sampatti Vitran Kaise Kare) पर अधिकार प्राप्त करना चाहते हैं तो आप भारत सरकार के द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार संपत्ति को कानूनी रूप से अपने नाम पर ट्रांसफर कर सकते है।
अगर आपको नहीं पता कि पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति का विवरण करने के क्या नियम है और आप किस प्रकार से अपने पिता की संपत्ति पर कानूनी अधिकार प्राप्त कर सकते हैं तो आपको हमारा यह आर्टिकल अंतिम तक पूरा पढ़ने की आवश्यकता है क्योंकि इस आर्टिकल में हमने पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति का वितरण करने की पूरी जानकारी उपलब्ध कराई है ताकि आप बिना किसी विवाद के अपनी पारिवारिक संपत्ति का वितरण आसानी से कर सकें।
पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति के नियम और अधिकार
यदि कोई व्यक्ति बिना वसीयत किए मर जाता है तो उसके परिजनों के बीच उसकी संपत्ति को लेकर काफी विवाद होता है जिसे रोकने के लिए 1956 में भारत सरकार के द्वारा हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम को लागू किया गया है था जिसके अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति अपने संपत्ति की वसीयत किए बिना मर जाता है तो ऐसी स्थिति में इस भारतीय कानून नियम के अनुसार उसके वंशजों में पूरी संपत्ति को समान रूप से विभाजित कर दिया जाता है।
परिवार के अलग-अलग सदस्यों के लिए इस कानून के अंतर्गत अलग-अलग नियम रखे गए हैं जिनका पूरा विवरण निम्नलिखित प्रकार से हमारे द्वारा नीचे उपलब्ध कराया गया है इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप नीचे बताई गई जानकारी ध्यान पूर्वक पड़े।
पिता की मृत्यु के बाद बेटी का संपत्ति में अधिकार
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के अंतर्गत पिता की मृत्यु के पश्चात उसकी बेटी का अपने पिता के संपत्ति का बराबर अधिकार होता है किंतु यदि पिता ने अपने जीवन काल में खुद की कमाई से कोई भी संपत्ति अर्जित नहीं की है तो मौजूदा संपत्ति परिवार के सदस्यों जैसे बेटा बेटी पिता की पत्नी और अन्य रिश्तेदारों में वितरित की जा सकती है। इस अधिनियम के अनुसार पिता की मृत्यु के बाद बेटी और बेटे का संपत्ति पर समान अधिकार होता है और वह अपने पिता की संपत्ति पर सामान सब प्राप्त कर सकते हैं।
अगर पिता के पास पैतृक संपत्ति थी तो उसमे बेटियों और बेटों दोनों का समान हिस्सा का अधिकार होता है और पिता की 100 अर्जित संपत्ति में बेटियों और बेटों के अतिरिक्त पिता की पत्नी और अन्य दूसरे रिश्तेदारों का भी अधिकार हो सकता है और अगर बेटी ने किसी कारण बस अपने पिता के जीवित रहते हुए अपने हिस्से का त्याग कर दिया है तो पिता की मृत्यु के पश्चात बेटी का अधिकार उसकी संपत्ति पर नहीं होगा।
पिता की मृत्यु के बाद पति या पत्नी का संपत्ति में अधिकार
पिता की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति पर पति या पत्नी का अधिकार हो सकता है लेकिन पति या पत्नी का संपत्ति में अधिकतर निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है, जिनका पूरा विवरण निम्नलिखित प्रकार से नीचे दिया जा रहा है –
- पिता की संपत्ति के प्रकार के आधार पर पति या पत्नी का संपत्ति पर अधिकार अलग-अलग होता है।
- यदि मृतक पिता के कोई बच्चे नहीं हैं तो ऐसी स्थिति में उसकी संपत्ति का एकमात्र अधिकार पत्नी या पति के पास होगा।
- और यदि मृतक के बच्चे है, साथ ही साथ उसकी पत्नी भी जीवित है तो संपत्ति का अधिकार पत्नी, बच्चे, माता-पिता, भाई बहन आदि का हो सकता है।
- इसके अलावा यदि पिता ने मृत्यु से पहले कोई वसीयत बनाई है तो वसीयत के अनुसार परिवार में संपत्ति का वितरण किया जाएगा।
पिता की मृत्यु के बाद भाइयों-बहनों का संपत्ति में अधिकार
पिता की मृत्यु के बाद पिता की संपत्ति पर उसके बच्चों के साथ-साथ उसके भाई बहनों का भी अधिकार हो सकता है। जैसा कि आपको हमने ऊपर बताया कि किसी परिवार में पिता की मृत्यु के बाद उसे संपत्ति पर उसके भाई बहनों का भी अधिकतर हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के तहत निर्धारित किया गया है।
इस अधिनियम के अनुसार मृतक पिता की संपत्ति का अधिकार बेटों के साथ-साथ बेटियों को भी प्रदान किया जाता है और यदि पिता ने अपनी मृत्यु से पहले वसीयत बनाई है तो उसे वसीयत के नियम अनुसार संपत्ति का वितरण किया जाएगा और यदि पिता ने मृत्यु से पहले कोई वसीयत नहीं लिखी है तो उसकी संपत्ति कानूनी नियमों के अनुसार सभी उत्तराधिकारियों के बीच समान रूप से वितरित की जा सकती है।
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार पिता के मृतु बाद सम्पाती का वितरण
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम केवल हिंदुओं के बीच संपत्ति के बंटवारे के लिए लागू किया जाता है, फिर चाहे हिंदू मृतक किसी भी समुदाय या वर्ग का ही क्यों ना हो। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम एक भारतीय कानून है जिसे भारत में 1956 में लागू किया गया है।
इस भारतीय कानून के अंतर्गत साफ किया गया है कि यदि पिता की मृत्यु बिना वसीयत बनाई हो जाती है तो उसकी संपत्ति उसके उत्तराधिकारियों के बीच समान रूप से वितरित की जाएगी और यदि पिता ने अपनी मृत्यु से पहले अपनी वसीयत कर दी है तो पिता की मृत्यु के बाद वसीयत में जितने भी लोगों का नाम लिखा होगा उन सभी के बीच पूरी संपत्ति का बंटवारा किया जाएगा।
Pita Ki Mrityu Ke Baad Sampatti Vitran Kaise Kare Related FAQs
पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति का किसे मिलता है?
पिता की मृत्यु के बाद उसकी संपत्ति का पूरा अधिकार उसके उत्तराधिकारियों को मिलता है फिर चाहे वह उसके अपने बच्चे हो या फिर भाई बहन अथवा पति या पत्नी आदि को मिलता है। लेकिन यह अधिकार परिवार के लोगों को तभी मिलता है जब पिता की मृत्यु वसीयत बनाए बिना हुई हो।
अगर पिता की मृत्यु बिना वसीयत बनाई हुई हो तो संपत्ति का अधिकार किसे मिलेगा?
यदि पिता की मृत्यु वसीयत बनाई बिना हो गए हैं तो उसकी संपत्ति का अधिकार हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत परिवार के सभी सदस्यों को मिलता है। लेकिन केवल पिता के द्वारा स्वयं अर्जित की गई संपत्ति का अधिकार सभी सदस्यों को मिलता है।
पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति वितरण कैसे करे?
पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति का वितरण करना बहुत ही आसान है आप हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के तहत आसानी से पिता की मृत्यु के बाद अपनी पूरी संपत्ति का वितरण कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आप हमारे इस आर्टिकल में बताई गई जानकारी को पढ़कर अच्छी तरह से समझ चुके होंगे कि आप किस प्रकार से पिता की मृत्यु के बाद संपत्ति का वितरण कर सकते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे द्वारा इस आर्टिकल में बताई गई सभी जानकारी पसंद आई होगी और यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित रहा होगा।
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