Kisan Bill In Hindi :- सरकार द्वारा किसानों और कृषि से संबंधित 2 अध्यादेशों को राज्य सभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है। अब केवल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मुहर लगने की देर है, जिसके बाद यह बिल कानून बन जाएगा।
कृषि क्षेत्रो को, एक परिस्थितिक तंत्र के निर्माण का प्रावधान किया गया है, जिसका अर्थ है किसान और व्यापारी किसी भी राज्य तथा क्षेत्रों में जाकर फसलों की खरीद बिक्री कर सकते हैं। उन्हें अब केवल राज्य सरकार द्वारा संचालित मंडियों या राज्य की सीमाओं में रहकर ही अपने फसल को बेचना जरूरी नहीं है।
वे अपनी इच्छा अनुसार कहीं भी अपने फसलों का लेन-देन आसानी पूर्वक कर सकते हैं। इस बिल में खेती से संबंधित समझौते पर राष्ट्रीय ढांचे के लिए एक प्रावधान है, जो किसानों को कृषि व्यापार, फर्मो, निर्यातकों तथा विक्रेताओं के साथ पहले ही समझौते कर लेने होते हैं। इसके लिए फसल की गुणवत्ता और पैदावार मैं कितनी खर्च लगेगी सब की जानकारी पहले ही किसान और व्यापारी के बीच तय हो जाती है।
किसान बिल क्या है? | What is Farmer Bill
यह बिल भारत में मौजूद सभी किसानों के हित में है, जहां किसान या व्यापारी या कोई इलेक्ट्रॉनिक व्यापार तथा क्रय-विक्रय करने वाले प्लेटफार्म को किसी व्यापारी क्षेत्र में पैदावार की गई फसलों को अंतराज्य या राज्य के भीतर लेन-देन यानि व्यापार करने की पूरी आजादी होगी।
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इससे पहले 2006 में, बिहार में भी एपीएमसी (APMC) एक्ट को समाप्त किया जा चुका है। उस समय भी इसकी वजह यह थी, कि किसानों को राज्य में अपने उगाए गए फसलों को अपने इच्छा अनुसार किसी भी व्यापारियों को अपने मनपसंद कीमत मे बेच सके।
इस बिल में दिए गए विवरण की, यदि हम बात करें तो न्यूनतम समर्थन मूल्य से किसानों का कोई लेना देना नहीं है। फिलहाल सरकार का कहना है कि, एमएसपी (MSP) दिया जा रहा है और भविष्य में भी ऐसे ही दिया जाता रहेगा।
Kisan Bill 2024 In Hindi
सरकार का कहना है कि, किसान बिल या कृषि बिल से किसानों को स्वतंत्रता मिलेगी, जिससे किसान अपनी फसल कहीं भी किसी को भी बेच सकता है। जिससे One Nation One Market (वन नेशन वन मार्केट) की नींव रख आएगी। अलबत्ता किसान बड़ी फूड प्रोसेसिंग कंपनी के साथ पार्टनरशिप करके ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।
व्यापारियों से समझौते के बाद किसानों ने जो किमत तय किया होगा वही कीमत उन्हें बाद में भी मिलेगी किसानों को उसके हितों के खिलाफ बांधा नहीं जा सकता सरकार का कहना है कि किसान अपने द्वारा तय किए गए समझौते से कभी भी हट सकता है जिसकी उसे पूरी स्वतंत्रता प्रदान की गई है और उसे कोई पेनल्टी भी नहीं ली जाएगी।
बिल के अनुसार, किसानों को अपनी जमीन के लिए बिक्री तथा गिरवी रखने पर पूरी तरह से रोक है। व्यापारियों के साथ किसानों को समझौता केवल फसलों से होगा ना की जमीनों से। अर्थात किसान किसी के भी बहकावे में आकर या जानबूझकर अपनी जमीनों को गिरवी नहीं रख सकते, यदि किसान ऐसा करते हैं तो इसके जिम्मेदार सरकार नहीं होगे।
बड़े किसान अपने राज्यों में बड़े कॉरपोरेशन के साथ मिलकर गन्ना चाय और कॉफी जैसे फसल उगा रहे है तथा बड़े किसान बड़ी कॉरपोरेशन कंपनियों के साथ मिल जाते हैं और उनके द्वारा आधुनिक तकनीक और उच्च खाद्य सामग्रियों की सहायता से अपनी फसलों को बेहतर करते हैं जिससे बड़े कॉरपोरेशन कंपनियों और बड़े किसानों को काफी फायदा पहुंचता है और अच्छा मुनाफा भी कमा लेते हैं। इस बार, बारी छोटे किसानों की है यदि वह भी ऐसा करते हैं तो उन्हें अच्छी तकनीक के साथ बेहतर मुनाफा भी प्राप्त होगा।
किसान बिल के मुख्य उद्देश्य | Main objectives of Kisan Bill
इस बिल के अनुसार, अब कृषि में जोखिम का डर कम होगा। किसानों के कीमत में पहले से काफी सुधार होगा इस बिल के मुताबिक किसान बड़े तथा खुदरा कंपनियों, निर्यातकों आदि के साथ जुड़ने में सक्षम होंगे।
इस अध्यादेश के तहत कृषि व्यापार क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक ट्रेंडिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। जहां किसानों और व्यापार के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और इंटरनेट को तैयार किया जा रहा है, ताकि किसान अपनी फसलों को इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के जरिए क्रय और विक्रय कर सके तथा उसकी डिलीवरी भी की जा सके।
इस अध्यादेश का उद्देश्य है की एक ऐसा इको सिस्टम बनाया जाए जहां किसानों और व्यापारियों को अपने उत्पादन की गई फसलो को मंडी के बाहर बेचने की पूरी स्वतंत्रता होगी।
इस अध्यादेश के अंतर्गत कोई भी व्यापार या कारोबार करने पर राज्य सरकार इलेक्ट्रॉनिक ट्रेंडिंग प्लेटफार्म मे किसानो या व्यापारियों से किसी भी प्रकार का बाजार फीस या सेस नहीं वसूला जाएगा।
Kisan Bill In Hindi Update 2024
इस बिल के कानून बन जाने से किसानों के लिए एक शुगम और आजाद माहौल मिलेगा, जिससे किसान आपने सुविधानुसार कृषि उत्पाद या पैदावार की गई फसलों को आजादी पूर्वक यानी अपनी इच्छा अनुसार क्रय और विक्रय करने की आजादी होगी, जिससे भारत एक कृषि मार्केट के रूप में निखरेगा।
किसान बिल के लाभ | Benefits of farmer bill
इस बिल से किसानों को अच्छा फायदा पहुंचेगा। उनके लिए नए विकल्प उपलब्ध होंगे। उनकी फसलों को बेचने पर प्राप्त मूल्यों को कम करेगा तथा उन्हें और भी बेहतर कीमत दिलाने में सहायता करेगा।
इससे यह भी फायदा होगा कि, यदि एक राज्य में अच्छी उपज नहीं हुई हो और दूसरे राज्यों में पैदावार अच्छी हुई हो, तो दूसरे राज्य वाले किसान उस राज्यों में जहां अच्छी उपज नहीं हुई हो, वहां अपने उगाए फसल बेचकर बेहतर दाम प्राप्त कर सकेंगे, यानी कि इससे भारत के सभी किसानों को पहले की तुलना में अधिक फायदा होगा।
सरकर का कहना है की, इन दो बिलों से छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों को काफी फायदा पहुंचेगा, वे अपने फसल के खुद मलिक होंगे तथा उन किसानो पर किसी की जोर ज़बरदस्ती नही चलेगी।
पहले किसानों को अपनी उपज को लेकर डर रहता था, कि वह किस खरिदार को अपना ऊपज बेचे परंतु अब किसान अपने उस खरीदार की तरफ हो जाएगा जिसके साथ उसने समझौता किया है इनसे अपने मनपसंद कीमत पर फसलों को बेचेगा तथा बड़े व्यापारी इन किसानों को आधुनिक तरीकों और बेहतर इनपुट देने के अतिरिक्त बिक्री यानी विपणन लागत को कम करता है और किसान की आय में बढ़ावा देता है।
ऐसा राज्य जहां आलू या कोई और फसल की पैदावार अधिक होती है, तो वहां के किसान अपनी पैदावार की गई आलू या कोई और फसलों को वैसे राज्यों में जहां आलू या अन्य फसलों की पैदावार उस साल नहीं हुई है या कम हुई है, वहां के व्यापारियों को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
किसान बिल योग्यता और ज़रुरी दस्तावेज़ | Kisan Bill eligibility and required documents
किसान बेल सभी कृषि व्यापार से जुड़े लोगों के लिए लागू किया गया है। खासकर इस बिल का पालन सभी प्रकार के किसानों जैसे बड़े किसान मंझोले या छोटे किसानों के लिए अनिवार्य किया गया है और साथ ही सभी प्रकार के थोक, खुदरे एवं मंडी व्यापारियों के लिये किसान बिल के नियमों को मानना अनिवार्य है।
हालांकि अब तक सरकार ने किसान बिल से संबंधित कोई दस्तावेज जाहिर नहीं किया है परंतु यदि भविष्य में कभी किसान बिल से संबंधित दस्तावेज सरकार जाहिर करता है, तो हम आपको इसकी जानकारी अवश्य देंगे। इसके लिए आपको हमारे वेबसाइट से जुड़े रहना होगा ताकि आपको इससे संबंधित कोई भी और नई जानकारी तुरंत प्राप्त हो सके।
किसान बिल के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया
किसान बिल के लिए फिलहाल सरकार ने कोई ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया नहीं निकाली है।
किसान बिल में सरकार द्वारा किए गए नए बदलाव
ऊपर दिए गए किसान बिल के मुख्य उद्देश्य और लाभ उन्हीं चीजों को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने किसान बेल 2024 में कुछ नए बदलाव किए हैं पुराने बिल के अनुसार
1 . कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य
इसके अंतर्गत किसान अपनी फसलों को एपीएमसी (APMC) मंडियों में बेचते हैं, जिसके बदले उन्हें फसल का सही मूल्य दिया जाता है।
एपीएमसी (APMC) क्या है?
यहां एपीएमसी का मतलब है (एग्रीकल्चर प्रोड्यूस एंड लाइव स्टॉक मार्केट कमिटी), वैसी बाजारे या मंडी जहाँ किसान अपने अनाज बेच सकते हैं और ऐसे बाज़ार या मंडी का नियंत्रण राज्य की सरकारें करती हैं।
2 . कृषक मूल्य आस्वासन और कृषि सेवा पर करार
इस बिल का मुख्य उद्देश्य है, किसानों की फसलों की निश्चित कीमत दिलवाना। इसके अंतर्गत फसल पैदावार से पहले ही किसानों को किसी व्यापारी से समझौता करना होता है। इस समझौते के अनुसार फसल की गुणवत्ता, खाद का इस्तेमाल कितनी मात्रा में और कैसे करना है, फसल का मूल्य तथा इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी पहले ही बात कर लेनी होती है।
इस समझौते के बाद किसान अपनी पैदावार की गई फसलों को अपनी तय की गई कीमतों पर बेचता है और यदि व्यापारी खेती को स्पॉन्सर करता है, तो उसे खेती में लगाने वाले बीज, खद्ध आदि का पूरा खर्च उठाना पड़ेगा, तथा इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए ही फसल की कीमत तय की जाएगी।
यदि, संक्षेप में कहूं तो,
किसान एपीएमसी यानी राज्य सरकार द्वारा संचालित की जाने वाली मंडियों के बाहर भी अपने अनाज को बेच सकते हैं, उन्हें बिचौलियों की समस्या में नहीं फसना पड़ेगा।
किसान अपनी फसलों की पैदावार से पहले ही किसी व्यापारियों से सौदेबाजी कर सकेंगे, जिससे उनकी फसल की तय की गई कीमत उन्हें मिल सकेगी।
सरकार द्वारा पारित नए बिल के अनुसार
नए बिल के अनुसार, किसान अपने अनाज को एपीएमसी (APMC) मंडियों या बाजारों के बाहर स्वतंत्रता पूर्वक बेच सकते हैं और उनको इसके लिए या उनके खरीदारों को एपीएमसी मंडियों की फीस भी नहीं देनी होगी। अर्थात किसान अपनी पैदावार की गई फसलों को अपने मनचाहे व्यापारियों से अपने इच्छा अनुसार कीमत पर बेच सकते हैं।
वह अपने फसलों को किसी भी राज्य या क्षेत्रों में बेच सकते हैं। किसान अब अपनी मर्जी के मालिक होंगे वह वह मंडियों और बिचौलियों के चक्कर में अब नहीं फसेंगे। वह अपनी पैदावार की गई फसलों को खुद कंपनियों व्यापारियों इत्यादि को बेच सकेंगे और उन्हें मंडी में किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं भरना पड़ेगा जैसे इस समय किसानों से साढे आठ फ़ीसदी तक की कीमत वसूली जाती है।
नई बिल के अनुसार, किसानों को फसलों की बिक्री के बाद कोई कोर्ट कचहरी के चक्कर नहीं लगाने होंगे तथा व्यापारीयों को फसल के वितरण के समय ही कीमत का दो तिहाई चुकाना होगा और बाकी कीमत 30 दिनों के अंदर और तो और खेतों से फसल ले जाने की जिम्मेदारी भी व्यापारियों की ही होगी जिसका मतलब है कि किसानों को केवल अपने खेतों में फसल उगाने हैं।
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इसके अलावा फसल कटने के बाद उन फसलों को व्यापारियों तक कैसे पहुंचाएं इस बात की फिक्र अब किसानों को नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि इस बिल के अनुसार जिस व्यापारी के साथ किसानों की बातचीत हो चुकी है या सौदेबाजी हो गई है फसलों को खेतों से ले जाने की जिम्मेवारी भी उन्हीं व्यापारियों की होगी।
बिल में इस बात का भी जिक्र भी किया है, कि यदि सौदेबाजी के दौरान कोई समस्या उत्पन्न हो जाए या किसी और बात के कारण किसानों को अपना फसल उस व्यापारी को नहीं देना हो तो एक पक्ष सौदेबाजी तोड़त सकता है तथ इस बात के लीए उस पर पेनल्टी नहीं लगाई जाएगी।
निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको भारत सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना [कृषि बिल संसोधन] किसान बिल बिल क्या है? | What Is Kisan Bill In Hindi के बारे में बताया। हमने अपने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको यह बताया कि किस प्रकार आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं और किस तरह आप ऑनलाइन आवेदन करके अपने फॉर्म सबमिट करवा सकते हैं। योजना से जुड़े अन्य कोई भी प्रश्न आप हमसे पूछ सकते हैं हम आपके प्रश्नों का अवश्य ही उत्तर देंगे धन्यवाद।
किसान बिल के बारे में अपने इस लेख में जिस तरह से समझाया है। जो हर व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जिस किसान बिल के बारे में जानकारी नहीं है। यह लेख वास्तव में बहुत अच्छा है। इस लेख को पडने के बाद कोई भी इस बिल के बारे में बेहतर जानकारी प्राप्त कर सकता है। साथ ही उसे किस तरह लिखकर चीजों को दूसरे के समने पेश करना चाहिए उस चीज को यहां से सीखा जा सकता है।
हमारे वेबसाइट पर आने के लिए धन्यवाद। आगे हमारी कोशिश रहेगी की हम आपको ऐसी ही जानकारी से अवगत कराते रहे.