आयकर क्या हैं? | आयकर की विशेषताएं, उद्देश्य व अवधारणाएं

|| आयकर क्या हैं? | आयकर की विशेषताएं | Income Tax kya hota hai | आयकर कितने प्रकार का होता है? | aaykar “Income tax” Kitne prakaar ka hota hai? | आयकर की क्या विशेषताएं हैं? | Aaykar ki Kya visheshtaye hai? | आयकर रिटर्न क्या होता है? ||

यदि आप एक स्टूडेंट या फिर आप एक व्यापारी है तो अपने आयकर (income tax) के बारे में तो जरुर सुना होगा। आयकर (Aaykar) के बारे में देश के प्रत्येक व्यक्ति को जानकारी होनी ही चाहिए क्योंकि हम जिस देश में रहते है वहां की सरकारे, देश के नागरिको से कर लेती हैं, जिसमें भारत में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति को अपनी आय का कुछ हिस्सा सरकार को देना होता है। जो की सरकार हमारे देश के विकास तथा देश के हित में बनी योजनाओ में व्यय करती है।

हमारे देश भारत में कर चुकाने के लिए एक हर बर्ग के लोगों को अलग – अलग नीति बनाई गई है। जिस कर उस नीति के अनुसार ही भरना होता है। हर नागरिक को यह जानना चाहिए कि उसको अपनी आय पर कितना कर चुकाना होगा? और आयकर से जुड़ी बाकी जानकारी भी रखनी होती है तो आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे- आयकर क्या होता है? तथा भारत में किन लोगों को आय कर भरना होता है? तो चलिए इसके बारे में जानते हैं। 

आयकर (aaykar) क्या होता है? ( Income Tax kya hota hai? ) 

आयकर सरकार द्वारा लगाए जाने वाले कर है जो की देश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को प्रत्यक्ष या आप्रत्यक्ष रूप से चुकाना होता है। देश में रहने वाले प्रत्येक नागरिक को अपने देश की तरक्की के लिए यह कर हमारी केंद्र सरकार को चुकाना होता है। जब हमारे देश का बजट जारी होता है, तो उसमें आयकर (Income Tax) की नीतिओ (policy) में समय-समय पर बदलाव होता रहता है।

आयकर क्या हैं आयकर की विशेषताएं, उद्देश्य व अवधारणाएं

इसमें हमारे देश में रहे रहे लोगों की आय की स्थिति के अनुसार बदलाव किए जाते हैं। आयकर सिर्फ भारत के लोगों पर ही नहीं, बल्कि उस देश में जितने भी लोग व्यापार नौकरी या फिर किसी अन्य माध्यम से देश के इकोनामी से संबंध रखते हैं तो हर उस व्यक्ति को कर चुकाना होता है। 

कानून के अनुसार, प्रत्येक व्यवसाय और व्यक्ति कर देने के लिए पात्र होता है जिनकी इनकम सरकार द्वारा दी गई नीतियों के अंदर आती है, तो उन्हें हर साल आयकर रिटर्न फाइल करना होता है। आयकर एक महत्वपूर्ण स्रोत है जिसे सरकार द्वारा संचालित गतिविधि जनता की सेवा के उपयोग में लिया जाता है। 

आयकर कितने प्रकार का होता है? ( aaykar “Income tax” Kitne prakaar ka hota hai? ) 

आयकर दो प्रकार के होते हैं-

• प्रत्यक्ष कर (pratyaksha kar). 

• अप्रत्यक्ष कर (Aapratyaksha kar). 

प्रत्यक्ष कर

प्रत्यक्ष कर कई प्रकार के करो का मिश्रण है प्रत्यक्ष कर किसी भी कर द्वारा सीधे सरकार को भुगतान किए जाने वाला कर है। आयकर के अधीन संपत्ति का निगम कर उपहार कर जैसे कई कर सम्मिलित है। 

अप्रत्यक्ष कर

यह कर सरकार द्वारा वस्तुओं या फिर सेवाओं के मूल्यों के आधार पर लिया जाता है जैसे कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) वस्तु एवं सेवा कर उत्पादन शुल्क या सीमा शुल्क आदि।

आयकर का उद्धेश्य ( aaykar ka udhheshya) 

सरकार द्वारा लिए जाने वाले कर का उद्देश्य कुछ इस प्रकार है

जैसे कि हम सभी जानते हैं हमारे प्रदेश में कई विभाग तथा उनकी मंत्रालय हैं ऐसे में हर मंत्रालय को अपने क्षेत्र में कार्य करने या फिर उससे संबंधित संचालन के लिए कुछ ना कुछ पैसे की जरूरत होती है। तो इसी की पूर्ति के लिए सरकार कर लगती है जिससे वह लोगों से जो पैसा इकट्ठा होता है संबंधित मंत्रालय में कार्य के अनुसार तथा उसकी जरूरत के अनुसार पैसा प्रदान कराती है। अत: सरकार द्वारा कर लगाने का में उद्देश्य यही है कि सरकार द्वारा चल रही सभी सेवाओं की पूर्ति करा सके। 

आर्थिक विकास को बढ़ावा देना

भारत सरकार आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रकार के उपाय अपनाती है जिसमें आयकर की प्रमुख भूमिका रहती है। सरकार की आय का स्रोत किसी भी देश के कार्य जैसे लोक कल्याण, राष्ट्रीय सुरक्षा और धन की पूर्ति के लिए कर बहुत ही आवश्यक है यह भी सरकार के महत्वपूर्ण उद्देश्यों में से एक है। 

राष्ट्रीय लक्षणों की प्राप्ति :-

जैसे कि हम जानते हैं कि हमारे देश में विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए हम आयकर की आवश्यकता होती है तो इन कार्यो जैसे- प्रारंभिक शिक्षा में, उच्च शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए सरकार इन करो का उपयोग में लेती है जो की सरकार को लक्ष्य प्राप्ति में मदद करती है। 

घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन :- 

सरकार देश में रहने वाले छोटे स्तर पर उद्योग खोलने तथा व्यापार करने के लिए कुछ ऋण देती है, जो कि उचित ब्याज दर पर किस्त के रूप में वापस लेती है और इससे देश के नागरिकों को उद्योगों में मिलता है और यह देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान निभाती है यह भी एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है। 

पूंजी निर्माण

सरकार आयकर से जो पैसा इकट्ठा करती है वह सरकार द्वारा चल रही कई संस्थानों जैसे- डाकघर, बैंक या फिर जीवन बीमा निगम तथा अन्य संस्थाओं के पास एकत्रित हो जाता है जो सरकार को पूंजी निर्माण में सहायता करती है आयकर से प्राप्त धन व्यापारिक संस्थाओं को शुरू करने में अहम भूमिका निभाता है। 

मूल्य स्थिरता 

मूल्य स्थिरता देश में अर्थव्यवस्था में आयकर का बहुत बड़ा महत्व होता है किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने के लिए आयकर एक विशेष भूमिका निभाता है। व्यक्तिगत स्तर पर उपभोग, बचत पर निवास को प्रभावित करने में आयकर एक विशिष्ट भूमिका निभाती है यदि हमारे इस्तेमाल में आने वाली साधारण चीजों की कीमतों में बदलाव करना हो तो हम उसके दरों में लगने वाला कर में बदलाव कर  उस पर एक मूल स्थिरता ला सकते हैं।

आयकर के सिद्धांत (Aaykar ka sidhhant ) :- 

आयकर के सिद्धांत से मतलब है कि आयकर किन नियमों पर काम करता है और यह भारत के नागरिकों पर किस तरह से लागू होता है तो लिए इसके सिद्धांत के बारे में जानते हैं-

समानता का सिद्धांत (samanta ka sidhant)

समानता के सिद्धांत से तात्पर्य है कि हम जिस देश में रहते हैं वहां पर सभी नागरिक की आय का जरिया बराबर नहीं होता है। कुछ लोग धनी, तो कुछ लोग निर्धन होते हैं। ऐसे में सरकार को सुनिश्चित करना होता है, किस नागरिक से कितना कर वसूला जाए।

जो व्यक्ति धनी होता है, उससे सरकार ज्यादा धन लेती है तथा जो व्यक्ति उससे कुछ निम्न वर्ग का होता है उससे सरकार थोड़ा कम कर लेती है। इस सिद्धांत के माध्यम से जो निर्धन वर्ग में होते हैं उन लोग पर ज्यादा भार नहीं होता है। और जो उच्च वर्गीय होते हैं, वो इस कर को भरने के लिए सक्षम होते हैं। तो यह कर सभी नागरिको को, उनकी आय के अनुसार, लोगों को कर भरने में मदद करता है। 

सुविधा का सिद्धांत (suvidha ka sidhant) :-

सुविधा के सिद्धांत से तात्पर्य है कि जब देश की सरकार देश के नागरिकों पर आयकर लगती है तो उसकी प्राथमिकता होती है कि वह वहां के लोगों को कर वसूलने में आसानी प्रदान करें ताकि लोगों को आयकर चुकाते वक्त कष्ट ना हो और वह आसानी से आयकर सरकार को चुका सकें। ऐसे में सरकार नकद भुगतान न कर कर सीधे सैलरी से पैसे कट ऑफ कर लेती है।

और व्यापारियों को या फिर अन्य भारतीय लोगों को आयकर फाइल रिटर्न करनी होती है जिसमें वह आय से सम्बंधित सारी जानकारी उपलब्ध कराते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उनके द्वारा आयकर समय पर भर गया है? आज के समय में जैसे-जैसे डिजिटल दोर चल रहा है, तो ऐसे में आप घर से ही अपने इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से आयकर भर सकते हैं जो आयकर चुकाने का बहुत ही साधारण तरीका है। 

आयकर की क्या विशेषताएं हैं? (Aaykar ki Kya visheshtaye hai?) 

आयकर की प्रमुख विशेषताएं कुछ इस प्रकार हैं- 

प्रत्यक्ष कर

आयकर एक प्रत्यक्ष कर है जो किसी भी व्यक्ति पर लगाया जाता है तो उस व्यक्ति को यह कर स्वयं ही भरना होता है यह कर किसी और व्यक्ति द्वारा हस्तानांत नहीं कर सकता, इस कर को प्रत्यक्ष कर कहते हैं। आयकर गत वर्ष की शुद्ध कार्यों पर आए लगता है। 

केंद्रीय कर

भारतीय करदाताओं को अपना कर केंद्र सरकार को देना होता, या फिर भुगतान करना होता है। इसके नियमोें की गणना केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों के आधार पर होता है इसका भुगतान न करने पर केंद्र सरकार उचित कार्रवाई करती है जिसमे अधिक कर या फिर कोई सजा मिलती है।

आयकर की दर

आयकर पर लगने वाला कर प्रतिवर्ष संशोधित होता है जिसमें आयकर की भिन्न-भिन्न दरें निर्धारित होती हैं और प्रतिवर्ष बनाई गई आयकर की नीतियो में, उस वर्ष लगने वाली दरों को निर्धारित किया जाता है तो उस वर्ष आयकर दाता को निर्धारित दरों के अनुसार कर चुकाना होता है। यह दरे कई तरह से बनी हुई होती है, जैसे- वर्गों के आधार पर और आपकी वितीय स्तिथि के हिसाब से लगने वाली कारों की दर प्रस्तुत की जाती है। 

आयकर वर्गीकरण

जब आयकर की नीतियां बनाई जाती है तो उसमें इस पर भी ध्यान दिया जाता है कि विभिन्न करदाताओं कि आय पर लगने वाला कर की दरों में अलग-अलग नियम होते हैं ताकि कर देने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आय की जरूरत का भी ध्यान रखा जाए। और जो निम्न वर्ग के नागरिक हैं, उन पर कर का ज्यादा बोझ और जो लोग सक्षम है उन लोगों को उचित कर लगाया जा सके। 

आयकर में दिए जाने वाला कर पर छूट

आयकर में बनाई गई नीतियों में यह भी ध्यान रखा जाता है की कुछ विशेष चीजों मैं आयकर में छूट दी जाए जैसे- जब आप किसी की मदद करने के लिए, किसी संस्था में पैसा जमा करते हैं तो आपसे किसी भी तरह का कर नहीं लिया जाता है यह आयकर में एक विशेष प्रकार की छूट देने का अधिकार देता है। 

आयकर की दरों में आय, आयु तथा लिंग के आधार पर छुट

भारतीय आयकर नियमों में बनाई गई नीतियों में विभिन्न वर्गों के लिए भिन्न-भिन्न दरें निर्धारित की गई है, इसमें यदि किसी व्यक्ति की आय कम है तो उसे कम आयकर चुकाना होता है इसी प्रकार व्यक्ति की आयु के आधार पर तथा लिंग के आधार पर नियम बनाए गए हैं जो प्रत्येक व्यक्ति पर अलग – अलग लागू होते हैं।

income tax Related FAQ

भारत में आयकर (Income tax) सेवा किसने शुरू की? 

पहले आयकर एक्ट सन 1860 में सर जेम्स विल्सन, जो की एक ब्रिटिश, भारत के पहले फिनिन्स मंत्री थे। 

भारत में जीएसटी(GST) के फादर कौन है?

अटल बिहारी वाजपेई जी को जीएसटी (GST) के फादर माना जाता है।और जो GST के ब्रांड एंबेसडर अमिताभ बच्चन जी हैं। 

भारत में सबसे ज्यादा टैक्स कौन चुकाता (भरता) है? 

भारत में सबसे ज्यादा टैक्स अक्षय कुमार चुकाते हैं यह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सूत्रों का कहना है।

आयकर रिटर्न क्या होता है? 

आयकर रिटर्न एक कर (tax) फॉर्म होता है जिसे भरकर करदाता अपना आयकर को भरता है।

भारत में एक कर्मचारी को कितनी सैलरी पर कर (tax) पे नहीं करना होता है?

यदि किसी व्यक्ति की सैलरी सालाना 700000 है तो उसे व्यक्ति को कोई भी टैक्स नहीं चुकाना होता है।

आयकर दाता कौन होता है?

आयकर दाता वह होता है जो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अपने आय से कुछ हिस्सा सरकार के लिए देता है यह कोई सरकारी या फिर गैर सरकारी कर्मचारी हो सकता है या फिर कोई संस्था या फिर कोई व्यापारी हो सकता है। 

प्रत्यक्ष कर क्या होता है?

यह बेकार होता है जो किसी भी कर डाटा की आय पर गणित होता है तथा उसके द्वारा का जाने वाले इस कर को प्रत्यक्ष कर कहते हैं। 

अधिकर क्या होता है? 

आयकर के ऊपर अतिरिक्त दर से वसूले जाने वाला कर को अधिकर कहते हैं। 

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत में आयकर का इतिहास क्या है? 

15 अगस्त 1947 जब हमारा देश आजाद हुआ, स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद समय – समय पर हमारे देश में कई समितियां ने आयकर में सुधारो के लिए भिन्न-भिन्न सुझाव दिये। स्वतंत्र भारत में प्रथम आयकर अधिनियम 1961 में पारित किया गया जो की 1 अप्रैल 1962 को लागू हुआ, यह अधिनियम भारत के प्रत्येक राज्य में लागू हुआ। इसके बाद भारत में समय-समय पर लोगों के व्यक्तिगत आय के अनुसार सुधार किए गए और यह सुधार आज भी जारी है जैसे-जैसे व्यक्ति की आय में बदलाव हुए उसी के आधार पर हर व्यक्ति पर कर लगाए जाते हैं। और यह आए पर नहीं बल्कि किसी भी तरह के व्यापार या फिर किसी अन्य प्रकार के वितीय स्थिति पर लागू होते हैं। 

निष्कर्ष (Nishkarsh)

तो आपने इस आर्टिकल में जाना की आय कर क्या होता है? और आयकर की क्या विशेषताएं होती है? आयकर किन-किन नागरिकों को चुकाना होता है? हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आयकर के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी शेयर करने की कोशिश की है जिसमें आयकर के उद्देश्य पर आयकर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तत्व पर बात किया।

और आयकर से हमारे देश में क्या-क्या होता है तथा हमारी सरकारी इसका कैसे उपयोग करती है यह सारी जानकारी हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से प्रदान कराई है। अत: आशा करते हैं की आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और यदि जानकारी आपको पसंद आई है तो कृपया इसे अपने दोस्तों में जरूर शेयर करें।

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