मोटापा कम कैसे करें – प्राय कोई भी व्यक्ति जो अपने कद के अनुसार वजन के अनुपात को पार कर जाता है उसे मोटापा कहते हैं। मसलन जिस व्यक्ति की (हाइट) ऊंचाई(Height) अगर 5 फुट 10 इंच है तो उसका वजन 70 kg होना चाहिए।
मोटे व्यक्ति का शरीर थुलथुल हो जाता है तथा सुडौल शरीर से बिलकुल अलग दिखने लगता है।
मोटापा दो प्रकार का होता है एक खानपान की वजह से, ऑपरेशन के बाद दिए गए किसी दवाई से, या कोई कोई अनुवांशिक मोटे होते है।
खानपान की वजह से हुए मोटापे के रोगी का भोजन पर नियंत्रण करने मोटापा कम किया जा सकता है।
ऑपरेशन के बाद कोई दवाई से फैले मोटापे को नियंत्रित करने में भोजन को नियंत्रण तथा अन्य कुछ दवाइयां या प्राकृतिक उपचार से मोटापा कम किया जाता है।
अनुवांशिक अर्थात: Heredity के मोटापे को उचित खानपान के साथ व्यायाम प्राकृतिक चिकित्सा आदि का सहारा लेकर मोटापा कम किया जा सकता है।
मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति में हीन भावना आ जाती है। शरीर थुलथुल दिखने लगता है। सुडौल शरीर पर जैसे नकली गद्दे लगा दिए हो ऐसा महसूस होता है।
कई डॉ के चक्कर काटता है। भोजन छोड़कर फलाहार शुरू करता है, पैदल घूमना शुरू कर देता है पर ये देखा गया की इन सब प्रकार के उपक्रमों को आजमाने के बाद बहुत कम लोगो का वजन कम हुआ और जिनका कम हुआ उनका शरीर की चमड़ी लटक गई।
मोटापा से ज्यादा भद्दा दिखने लग गये। लटकी हुई चमड़ी के कारण उम्र भी ज्यादा दिखने लगी।
आजकल कई लोग मोटापा कम करने के लिए रोबोटिक सर्जरी करवाते है जिसमे पेट को स्टेपल करते है। इस ऑपरेशन के बाद रोगी ज्यादा खा नहीं सकता और वजन बढ़ना बंद हो जाता है परन्तु किसी का वजन कम होते नहीं देखा गया उलटे शरीर की चमड़ी लटक गई।
इस प्रकार से बिना सोचे समझे जो लोग उचित इलाज नहीं करा पाते वो बाद में अन्य दूसरे जटिल रोगों के भी शिकार हो जाते है।
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मोटे होने का कारण (Obesity Causes)
आज कल के खान पान के करना स्त्री एवं पुरुष दोनों में ही मोटापा (obesity) के लक्षण दिखते है। जंक फ़ूड, फ़ास्ट फ़ूड, बासी भोजन, भोजन की अनियमितता तथा पूरी नींद नही ले पाना भी एक प्रमुख कारण है।
मोटापे की वजह से मनुष्य हाइपरटेंशन (Hypertension), मधुमेह (Diabetes), गुर्दे की बीमारी (Kidney Disease) जैसी भयंकर बीमारियों से ग्रसित हो जाता है।
मोटे होने का लक्षण (Obesity Symptoms)
किसी व्यक्ति का उचित वजन(Weight) कितना होना चाहिए, यह बी.एम.आई. (Body Mass Index) पर निर्भर करता है। बी.एम.आई. दो बातों पर निर्भर करती हैः-
- कद (Height)
- वजन (Weight)
आप बीएमआई से अपने वजन (Weight) की जांच कर सकते हैं। बी.एम.आई. का यह फार्मूला होता है- वजन(Weight) (कि.ग्रा. में)/कद (Height) (मीटर में )।
एक स्वस्थ व्यक्ति का वेट उसकी हाइट(Height) के हिसाब से होना चाहिए और इसके लिए मानक निर्धारित है. आपकी लंबाई और वेट का अनुपात ही बीएमआई या बॉडी मास इंडेक्स (Body Mass Index)कहलाता है.
कुछ OTC उत्पाद देखकर भी लोगों को वो आकर्षित करते है और उसमे मिले रासायनिक तत्व मोटापे को तो कम नहीं कर पाते अपितु अन्य रोगों के शिकार बन जाते है।
कोई भी स्त्री पुरुष अपने आपको सुंदर ही दिखना पसन्द करते है। सुंदरता के लिए सुडौल गठा हुआ शरीर और चेहरे पर तेज जरूरी है।
प्राकृतिक तरीके से भगवान ने अनुपात के अनुसार आप अच्छे लगे ऐसा ही अंग बनाये है।
सदियों से स्त्री पुरुष श्रृंगार करते आए है।
अत्यधिक वजन या यो समझिए मोटापे के कारण किए हुए श्रृंगार भी आकर्षित नहीं कर पाते।
डाइटिंग और जिम से मोटापा कम करना (Loose Weight by Diating and Gym in Hindi)
मोटापा कम करने के लिए कुछ लोग डाइटिंग करते है भोजन की मात्रा कम करते है। एक बार तो वजन कम हो जाता है लेकिन जैसे ही वो डाइटिंग बंद करते है। उनका शरीर फूल जाता है। और इस बार वजन पहले कि अपेक्षा ज्यादा हो जाता है।
मोटापा कम करने के लिए कई लोग Gym जाते है वहाँ भिन्न भिन्न प्रकार के मशीन होते है वहाँ पर जिम प्रशिक्षक की देख रेख में यदि सही Workout करे तो शरीर का मोटापा तो कम होता है दूसरे शरीर सौष्ठव व् सुडौल, गठा हुआ दिखने लगता है। जिम करने वाले यदि हमेशा ये करते रहे तो बहुत ही अच्छा परिणाम दिखता है।
जिम बिच में छोड़ देने से जिम जाने के कारण बने हुए सुगठित शरीर में चमड़ी लटकने लगती है।
मोटापा कम करने के लिए ग्रीन टी और ग्रीन कॉफ़ी का उपयोग (Use of green tea and green coffee to reduce obesity)
आजकल बाजार में ग्रीन कॉफी, ग्रीन टी वजन घटाने के लिए खूब धूमधाम से बिकती है लेकिन इससे किसी का वजन घटा हो ऐसा कोई रिजल्ट नहीं आया।
प्रचार करके लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर सकते है लेकिन धीरे धीरे लोग समझ गए और इसकी बिक्री का ग्राफ गिरता जा रहा है।
यह बात सही है की इसका कोई दुष्परिणाम देखने को नहीं मिला।
मोटापा कम करने के लिए लौकी का प्रयोग (Use of gourd to reduce obesity)
मोटापा कम करने के लिए कुछ योग गुरुओं ने सुबह भूखे पेट लौकी का जूस लेने की सलाह दी। वो भी लोगो ने आजमाया उससे मोटापा नहीं बढ़ा लेकिन घटा भी नहीं।
लौकी के जूस का सुखद परिणाम देखने को मिला की हार्ट की ब्लॉकेज ठीक हुई तथा खून की मात्रा में बढ़ोतरी हुई।
मोटापा कम करने के लिए अन्नानास का प्रयोग (Use of PINEAPPLE to reduce obesity)
कुछ केरल के चिकित्सकों ने लोगो को 7 दिन अन्नानास पर रहने को कहा। सिर्फ अन्नानास खाकर 7 बिताना काफी दुष्कर है। लेकिन जिन लोगों ने इसका उपयोग किया वो लाभान्वित हुए और मात्र एक सप्ताह में 5-7 KG वजन कम हुआ।
यानी ये अन्नानास का प्रयोग सफल रहा लेकिन ये उन लोगों के फायदेमंद रहता जो मात्र 10 kg तक अत्यधिक वजन वाले थे। जिसका वजन 30 kg या 40 kg ज्यादा है वहाँ ये काम नहीं करता।
मोटापा कम करने के लिए ताँबे के बर्तन के पानी का प्रयोग (Use of copper vessel water to reduce obesity)
कुछ लोग दौड़ने का तथा पैदल घूमने के साथ डायटिंग भी की लेकिन नतीजा नहीं निकला तीन महीने के बाद भी उनका वजन मात्र 1 से 2 kg कम हुआ।
इसका एक सुखद परिणाम देखने को मिला की व्यक्ति में चुस्ती फुर्ती बढ़ गई। ज्यादा वजन के कारण सीढ़िया चढ़ने पर साँस फूलती थी उसमे काफी कमी आई।
वजन घटाने के तांबे के बर्तन में पानी रखकर सुबह भूखे पेट यानी उठते ही 4 गिलास पानी पीने का है। ये नुस्खा बहुत ही कारगर साबित हुआ। हमने देखा की कम समय में रोगी का वजन 10kg – 20kg तक कम हुआ।
इस इलाज के दौरान हमने देखा की रोगी की चमड़ी नहीं लटकी और चेहरे पर तेज भी उभर आया।
इतने नुस्खों में ये नुस्खा सबसे ज्यादा कारगर हुआ।
मोटापा कम करने के लिए त्रिफला चूर्ण का प्रयोग (Use of Triphala Churna to reduce obesity)
आयुर्वेद ग्रंथो में त्रिफला चूर्ण का उपयोग निहित है। हरड़, बहेड़ा तथा आंवला के योग से त्रिफला चूर्ण बनाया जाता है।
ये चूर्ण नियमित सेवन करने पर यकृत को सुदृढ़ बनाता है साथ ही अतिरिक्त वसा को जमने नहीं देता।
इसका लगातार सेवन करने से रोगी के वजन में कमी जरूर आती है।
एक दुष्परिणाम भी है की त्रिफला का चूर्ण नित्य सेवन करने से घुटनों में दर्द भी आ जाता है।
अनुसंधान करने पर पता चला ये घुटने के फाइबर को भी गला देता है।
व्यवधान देकर यदि सेवन किया जाए तो त्रिफला का योग बड़ा ही शानदार परिणाम देता है।
मोटापा कम करने के लिए इसबगोल का प्रयोग (Use of Isabgol to reduce obesity)
इसबगोल की भूसी कुछ शास्त्रों में भी वर्णित है की ईसबगोल की भूसी में सबसे ज्यादा फाइबर होता है और यह फाइबर वसा को अवशोषित कर मलद्वार से बाहर निकाल देता है।
यहां ये समझना सबसे जरूरी है की इसका सेवन कब और कितनी मात्रा में लेना चाहिए और किसके साथ लेना चाहिए।
रात्रि भोजन के पश्चात आधे घंटे बाद एक से डेढ़ चमच्च एक गिलास गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। इसको लेने के 10 मिनट बाद एक गिलास पानी और लेना चाहिए। धीरे धीरे ये वसा को कम करेगी और मोटापा कम होगा। इसके सेवन के दौरान घी तेल , मिर्च मसाला ज्यादा तेज का सेवन न करें।
इसका एक सुखद परिणाम और देखने को मिलता है की व्यक्ति का वजन घटता है साथ में फेफड़े भी मजबूत होते है।
जिन लोगों को मोटापा नहीं सिर्फ श्वास रोग है उन पर भी ये नुस्खा कारगर है।
इसबगोल के सेवन करने से कब्ज की समस्या भी दूर होती है। कुल मिलाकर सबसे सस्ता, सात्विक और बिना दुष्परिणाम के मोटापा घटाने में कारगर है।
कुछ विद्वान आयुर्वेदाचार्यों का मानना है की इसबगोल प्रकृति का ऐसा अनोखा वरदान है जो स्त्री पुरुष दोनों पर समान रूप से कार्य करता है। पुरुषों के चेहरे का कामदेव जैसा तथा स्त्रियों को मेनका जैसा चेहरे पर लावण्य देता है।
ये हमने भी इस्तेमाल किया और कर रहे है और बहुत ही शानदार परिणाम प्राप्त कर रहे है। एक बात इसकी विशेष है जैसा किसी रोगी का वजन ऊंचाई के अनुपात में सही है तो उस व्यक्ति का वजन नहीं गिरेगा यानी ये वही काम करता है जहां उसकी दरकार है।
मोटापा कम करने के लिए परिपाटी का प्रयोग (Use of conventions to reduce obesity)
परिपाटी ये आयुर्वेद में सबसे उपयुक्त तरीका है मोटापा घटाने का।
मोटे व्यक्ति को 15 दिनों तक एक आहार पर रखा जाता है।
किसी को बेल का मुरब्बा धोकर खिलाया जाता है, किसी को बिना धोए लेकिन परिपाटी मधुमेह के रोगी को नहीं दी जा सकती है।
सौंफ का पानी यदि वजन बहुत ज्यादा है तो 21 दिनों तक सौंफ का पानी ही दिया जाता है और रोगी को मोटापे से मुक्ति होती है।
परिपाटी दूध, छाछ, गोमूत्र, नींबू पानी, मौसमी का जूस, संतरे का जूस, अनार का जूस, अनानास के जूस में से किसी भी व्यक्ति को परिपाटी दी जा सकती है। इसका परिणाम मिलता है की रोगी का रंग बदल जाता है। हमने कई आदमियों और औरतों को परिपाटी के बाद देखा तो हमें विश्वास ही नहीं हुआ की यह वो ही है। चेहरा चमकने लगा।
शरीर में प्राकृतिक सुंदरता छलकने लगी। वजन घटना तो एक बात थी पर चेहरा दमकना चमड़ी में ग्लो आना इस प्रकार के सुखद परिणाम साथ फ्री में मिले।
विशेष :- परिपाटी चिकित्सक की देखरेख में ही करनी चाहिए। ब्लड प्रेशर प्लस आदि बहुत चीजों का ध्यान रखा जाना जरूरी है।
मोटापा है तो घबराएं नहीं और परिपाटी ले और मोटापा भगाये।
मोटापा कम करने के लिए चोकर का प्रयोग (Use of Bran to reduce obesity)
इन सभी के अलावा एक साधारण उपाय जो घरेलू है तथा काफी कारगर है।
गेहूं से आटा पीसने के बाद छानकर जो चोकर निकालते है वो न निकाले फिर उसी चोकर युक्त आटे का सेवन करें। हरी पत्तेदार सब्जियां पता गोभी इस तरह की फाइबर युक्त शाक सब्जी का सेवन। चावल आलू, जिमीकंद को न खाए। दूध तथा दूध से बने उत्पादों को भी न ले। तेल तथा घी जैसे वस्तु कम से कम मात्रा में ले।
भोजन बिलकुल ताजा ले बासी भोजन न ले। तला हुआ मिठाई आदि का सेवन पूरी तरह से रोक दे।
ये पथ्याहार द्वारा मोटापा घटाने का अचूक नुस्खा है।
ये नुस्खे को अपनाने वाला फल जिसमे अत्यधिक फाइबर हो जैसे संतरा, मौसमी आदि यानी रेशेदार फल खा सकते है।
पथ्य आहार लेते समय हल्का व्यायाम या प्राणायाम भी काफी लाभदायक होता है। ऐसे रोगी जो सारे हथकंडे अपना ले फिर भी उनका मोटापा खत्म न हो तो ये उन लोगो के लिए रामबाण साबित हुआ।
जीभ पर नियंत्रण रखना पड़ता है तथा किसी तरह अपने मोटापे को दूर करना है ऐसे लोग ये विधि अपनाते है।
उपरोक्त पथ्याहार के समय बनने वाले प्रत्येक सब्जी में हींग को छौंक तथा तेजपत्ता छोंकने में लगाना चाहिए। इस विधि से जिन्होंने वजन कम किया वो दोबारा मोटापे का शिकार नहीं होते।
हमने अनुवांशिक मोटापे से ग्रस्त पुरुष एवं महिलाओं को वजन कमकर शरीर को सुडौल बनाते देखा है।
ये उपाय अन्य उपायों से थोड़ा अलग है पर सच मानिये ये कारगर है।
मोटापा कम करने के लिए ओट्स का प्रयोग (Use of Oats to reduce obesity)
ओट्स के सेवन से भी मोटापा कम होता है ओट्स का सेवन यदि गाय के दूध के साथ किया जाए तो ओट्स में जो फाइबर होते है वो चर्बी को अवशोषित कर शरीर से बाहर निकाल देते है।
ये प्रयोग बहुत ही शानदार है। अभी तक जिन लोगों ने इसके सेवन का परिणाम बताया है वो आश्चर्यजनक है।
मात्र 45 दिन तक आहार में दूध में ओटा कर पानी में उबालकर जिन लोगों ने सेवन किया उनका वजन लगभग 20 कम तक कम हुआ है।
कुछ शास्त्रों के अनुसार ओट्स के सेवन के दौरान रोगी को जमीन पर दरी लगाकर बिना तकिये सोना चाहिए।
करेले को बीच में चीरकर बीज निकालकर उसमें मसाला भर के भूनकर खाना चाहिए।
ओट्स तथा करेले का ये योग भी बहुत ही शानदार परिणाम देता है।
इस योग में मोटापा ख़त्म होता है साथ ही आँखों की रौशनी भी तेज हो जाती है कई लोगो का चश्मा तक उतर जाता है। इस योग को ब्रह्म योग कहा जाता है।
कई चिकित्सक इस योग के साथ आधा कटोरी दही में 1 चम्मच दाना मेथी मिलाकर खाने को भी कहते है।
उनका कहना है की ये योग अत्यंत लाभकारी परिणाम देता है। इस योग से जिनका वजन घटता है न तो उनकी चमड़ी थुलथुल होती है न दुबारा वजन बढ़ता है।
मोटापा कम करने के लिए मशरूम का प्रयोग (Use of mushrooms to reduce obesity)
चीनी मान्यताओं के अनुसार मशरूम का सेवन भी चर्बी को कम करता है।
मशरूम की सब्जी, सूप, भूनकर या कम तेल में पकाकर भी खा सकते है।
ये इलाज थोड़ा महंगा जरूर है लेकिन बहुत ही कारगर है और दुबारा मोटापा नहीं बढ़ता है।
कुछ लोगो ने जो ये इलाज लिया उनका अनुभव बहुत अच्छा रहा।
आचार, केला, आइसक्रीम तथा चाय का सेवन मोटापे से ग्रस्त रोगी को कम करना चाहिए या पूरी तरह बंद कर देना चाहिए।
मोटापा कम करने के लिए तेजपत्र का प्रयोग (Use of Bay leaf to reduce obesity)
तेजपत्र के चूर्ण से भी मोटापा दूर हो जाता है।
एक चम्मच तेजपत्र का चूर्ण शाम को सात बजे पानी के साथ ले 10 मिनट बाद एक गिलास दूध में एक चम्मच घी मिलाकर पियें। इस योग में समय लगता है परन्तु धीरे धीरे मोटापा खत्म हो जाता है।
मोटापा कम करने के लिए दालचीनी का प्रयोग (Use of Bay Daalchini or Cinnamon to reduce obesity)
शास्त्रों में वर्णित दालचीनी को पानी में ओटा कर पिने से भी चर्बी खत्म होती है। शनै:-शनै: मोटापा कम होते जाता है।
दालचीनी लेने वाले व्यक्ति के शरीर में चिर ऊर्जा का संचार होता है। कई रोगी जिनको मधुमेह के कारण मोटापा हो जाता है। या मोटापे की वजह से मधुमेह हो गया हो उन पर भी ये अत्यंत लाभकारी है।
प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा मोटापा कम करना (Natural Remedy to reduce obesity)
प्राकृतिक चिकित्सा में पेट पर गीली पट्टी, मिटटी की पट्टी, अनिमा, इस तरह के उपचार से भी मोटापा घटता है। परन्तु उस समय भोजन की जगह ज्यादा फलों या सब्जियों का जूस दिया जाता है।
सर्दियों में गाजर का जूस तथा गाजर का सूप भी बहुत फायदेमंद होता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा द्वारा मोटापा कम करना (Ayurvedic Remedy to reduce obesity)
अश्वगंधा, अर्जुनछाल, आंवला, गिलोय, गोखरू, कांचनार छाल, हरड़, छोटी पीपल, हल्दी, वन तुलसी, शुद्ध शिलाजीत तथा अजवायन।
इन घटकों को निश्चित मात्रा में मिलाकर पीसकर छानकर पानी के साथ एक चम्मच दिन में तीन बार लेने पर सप्ताह भर बाद मोटापा कम होना शुरू हो जाता है।
इन घटकों की मात्रा से ज्यादा इस बात का ध्यान रखना चाहिए की सभी घटक उच्च गुणवत्ता वाले हो।
कई लोग सस्ते के चक्कर में घटिया गुणवत्ता वाले जड़ी बूटियाँ ले आते है, फलस्वरूप रिजल्ट नहीं मिलता।
ये योग आयुर्वेद में अमृत के समान माना गया है।
इससे मनुष्य का खून पतला रहता है मोटापे साथ साथ ह्रदय के अवरोध भी खत्म करता है।
ये उच्च कोटि का एंटी एजिंग फार्मूला है। लकवे का रोगी तक पर ये काम करता है। मोटापा कम करने के लिए इससे बढ़िया योग हो ही नहीं सकता। ये हमने सैकड़ो रोगियों पर आजमा कर देखा है।
हमने जितने योग ऊपर लिखे है उसमें यह योग सर्वोत्तम है।
इसके उपयोग करने वाले के चेहरे पर कान्ति आ जाती है। दूसरे वजन शरीर के अनुपात में घटता है फलस्वरूप चमड़ी नहीं लटकती।
हम लोगों ने जितने प्रयोग किए उसमें ये शानदार योग है।