बचत क्या है? | बचत की परिभाषा, अर्थ व महत्व

|| बचत क्या है? | Bachat kya hai in Hindi | बचत की परिभाषा | Definition of savings | बचत एवं संचय में अंतर | Difference in savings and accumulation | बचत करने के लिए कुछ सुझाव | Tips for saving in Hindi | किन साधनों के अंतर्गत बचत कर सकते है? ||

प्रत्येक व्यक्ति अपनी इच्छाओं का त्याग करके अपने परिवार के भविष्य के लिए बचत करता है। किसी भी परिवार किस समृद्धि और भविष्य में आने वाली आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बचत करना बेहद ही आवश्यक होता है क्योंकि केवल बचत करके ही एक व्यक्ति अपने परिवार की आर्थिक और पारिवारिक जरूरत को पूरा कर सकता है। 

बचत आय का वह अंश है जिसका उपयोग व्यक्ति के द्वारा वर्तमान में नही किया जाता, क्योंकि बचत किए गए पैसे को भविष्य में परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु सुरक्षित रखा जाता है। बचत न सिर्फ व्यक्ति के परिवार को सुरक्षित रखता है अपितु यह देश की अर्थव्यवस्था पर गहन प्रभाव डालती है। 

आज इस लेख में हम बचत क्या है? इसका अर्थ और बचत करने के लाभ आदि के बारे में चर्चा करेंगे इसलिए यदि आप भी Bachat kya hai in Hindi से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हो तो आप सभी के लिए इस लेख को अंतिम तक पूरा पढ़ने की आवश्यकता है।

बचत क्या है? (Bachat kya hai in Hindi)

बचत को अंग्रेजी भाषा में savings कहते है? बचत आमतौर पर किसी व्यक्ति के द्वारा अपने पारिवारिक जीवन की आवश्यकताओं और लक्षण के निर्वाह हेतु मनुष्य द्वारा संरक्षित किया गया धन होता है। जब कोई व्यक्ति अपने आय का कुछ अंश वर्तमान में व्यय करके उसे भविष्य में पारिवारिक आवश्यकताओं दायित्व और लक्षण की पूर्ति हेतु संरक्षित करता है तो यह शेष धनराशि उसे व्यक्ति की बचत कहलाती है।

बचत क्या है बचत की परिभाषा, अर्थ व महत्व

यदि कोई व्यक्ति बचत पर विशेष महत्व देता है तो वह अपनी आय का कुछ अंश बचाकर भविष्य में आने वाले आकस्मिक आवश्यकताओं एवं खर्चों की पर्ति करने में सक्षम बन सकता है और यदि व्यक्ति बचत पर ध्यान नहीं देता है तो उसे भविष्य में अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु दूसरों से लोन या उधर लेने की जरूरत पड़ जाती है। बचत आय का वह अंश है, जिसका उपयोग वर्तमान में नहीं किया जाता है, बल्कि इस धन का उपयोग उत्पादक के रूप में भविष्य के लिए शेष रख लिया जाता है। 

कहने का तात्पर्य यह है की बचत पारिवारिक आर्थिक सुरक्षा और अचानक आने वाली मुसीबत से व्यक्ति को सुरक्षित रखती है यानी की वह अपनी आय का कुछ अंश व्यय करके भविष्य में आने वाली आवश्यकताओं का सामना करने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो सकता है।

बचत की परिभाषा (Definition of savings)

अब आप समझ चुके होंगे की बचत क्या होती है? अगर फिर भी आपको समझ नहीं आया है तो चलिए बचत की परिभाषा के ऊपर एक नजर डाल लेते हैं, जो निम्न प्रकार से है- बचत मनुष्य के आई का वह भाग होता है जिसका उपयोग वर्तमान की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए नहीं किया जाता बल्कि इसका उपयोग भविष्य के इस्तेमाल के लिए अलग रख दिया जाता है बचत को ही संपत्ति की पूंजी के रूप में भी जाना जाता है। 

बचत करने के लाभ (Benefits of saving)

अगर कोई व्यक्ति अपनी पारिवारिक प्रतिष्ठा को बनाए रखने और भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना करनी हेतू अपनी आय का कुछ भाग बचत के रूप में सुरक्षित करता है तो उसे निम्नलिखित लाभ मिलते हैं, जैसे-

  • बचत करने से भविष्य में धन न होने की स्थिति में भी बचत के धन का उपयोग मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है।
  • यह हमें आर्थिक परिस्थितियों के निपटारे हेतु सशक्त बनाता है।
  • बचत करके हम अपने दीर्घकालीन उद्देश्यों जैसे- बच्चों की शिक्षा विवाह इत्यादि को पूरा कर सकते हैं।
  • इतना ही नहीं बचत के धन को बचत करके ब्याज के रूप में अतिरिक्त पूंजी भी कमा सकते हैं।

बचत एवं संचय में अंतर (Difference in savings and accumulation)

कई लोगों का मानना है की बचत एवं संचय एक ही चीज होती है लेकिन असल में बचत और संजय में बहुत ही अंतर होता है एक प्रकार से बचत आए कब है भाग होता है जो उत्पादक रूप में सुरक्षित किया जाता है उदाहरण के लिए आप अपनी आय का जो कुछ भाग बैंक, डाकघर या फिर म्युचुअल फंड यदि में निवेश करते हैं उसे धन को बचत कहा जाता है। इस धनराशि पर ब्याज के रूप में वृद्धि होती रहती है और आपकी इस बचत को राष्ट्रीय के निर्माण हेतु उपयोग किया जा सकता है।

अर्थात बचत केवल एक व्यक्ति के लिए ही नहीं बल्कि राष्ट्र के हित के लिए भी काफी उपयोगी होती है। भाई अगर बात करें संचय की तो जो धन एक लॉकर में इकट्ठा कर संचय कर दिया जाता है जिसमें किसी प्रकार की वृद्धि नहीं होती और न ही यह पूंजी राष्ट्र के निर्माण में काम आती है। आज जिस प्रकार से महंगाई बढ़ती जा रही है परिवार के लिए बचत करना उतना ही कठिन होता जा रहा है जिसके परिणाम स्वरुप बचत हेतु उपलब्ध का उपकार्यक्रमों में तेजी से वृद्धि हुई है।

बचत का महत्व (importance of saving in Hindi)

अभी तक आपने बचत का अर्थ, बचत और संचय में अंतर आदि के बारे में जाना है अब हम बचत के महत्व के संबंध में बेहतर तरीके से जानने का प्रयास करेंगे। प्रत्येक परिवार के लिए बचत का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह हमें भविष्य में होने वाली कई प्रकार की परेशानियां जैसे- दुर्घटना, व्यवसाय में घाटा, नौकरी छूट जाना आदि के दौरान आर्थिक कठिनाइयों और परिस्थितियों से बचाने में काफी मदद करता है।

यह बचत न सिर्फ व्यक्ति के बल के उसके परिजनों के लिए बहुत ही कम आती है। यदि आप या आपके परिवार में कोई बचत को महत्व नही देता है तो आपको आने वाली विपत्तियों के समाधान हेतु भारी ब्याज दर पर बैंक या वित्तीय संस्था से लोन लेना पड़ सकता है या फिर आपको अपनी कोई प्रिय वस्तु बेचनी पड़ सकती है। अगर आप बचत पर ध्यान नहीं देते तो आप और आपका परिवार आर्थिक तनाव से ग्रस्त रहे सकते है और  तनावग्रस्त परिवार सदैव दुखी रहते हैं।

बचत न सिर्फ आपको और आपके परिवार के लोगो को आर्थिक असुरक्षा को कम करके विषम परिस्थितियों में सहारा देती है बल्कि यह व्यक्ति और उसके परिवार को जीवन के बाद के पड़ावों और महिलाओं, वृद्धावस्था में भी आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।

बचत अनावश्यक व्यय पर प्रतिबंध लगाने में सहायक 

अगर कोई व्यक्ति अपने आय का कुछ भाग बचत के रूप में अलग करके रख देता है तो उसके पास वर्तमान समय में अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में थोड़ी कठिनाई आ सकती है जिसके परिणाम स्वरुप व्यक्ति स्वयं के पास उपलब्ध धनराशि को सोच विचार कर खर्च करता है और केवल अपने परिवार के लिए आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं के लिए ही खर्च करने का निर्णय लेता है। इस प्रकार धन की बचत अनावश्यक खर्च एवं फिजूल खर्ची पर प्रतिबंध लगाने में काफी सहायक साबित होता है। 

बचत आय में वृद्धि के लिए आवश्यक 

यदि कोई व्यक्ति अपने द्वारा की गई बचत को किसी डाकघर बैंक या म्यूचुअल फंड इत्यादि उपक्रमों में सुरक्षित रखता है तो उन्हें अपनी इस धनराशि पर अतिरिक्त ब्याज का लाभ प्राप्त होता रहता है यह ब्याज भी एक प्रकार का आय का स्वरूप है जो व्यक्ति के द्वारा किए गए निवेश पर मूलधन के रूप में प्राप्त होता है।

बचत करता अपने और अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए छोटी-छोटी बचत करके बड़ी पूंजी का निर्माण कर सकता है। लोगों के द्वारा बैंक को या डाकघर में जमा की गई बचत की धनराशि को बैंकों के द्वारा उद्योगपतियों को लोन के रूप में दिया जाता है जिससे बचत करता के पूंजी को बढ़ावा देने का कार्य संपन्न किया जाता है।

बचत द्वारा आय-व्यय की असमानता होती है समाप्त 

ज्यादातर परिवारों की मासिक या सालाना आय एक समान नहीं होती उदाहरण के लिए एक वेबसाइट उदमपति की आए कभी अधिक तो कभी कम होती है ऐसी स्थिति में बचत की धनराशि खर्च की असमानता को समाप्त करने में विशेष भूमिका निभाती है। हाईवे की असमानता पारिवारिक जीवन चक्र में कई अवस्थाओं में देखी जा सकती है। आमतौर पर जिन परिवारों कि आई कम होती है उनके लिए बचत करना उतना ही अधिक कठिन होता है फिर भी वह अपने बच्चों की उच्च शिक्षा विवाह इत्यादि के लिए आई का कुछ भाग बचत के रूप में सुरक्षित करने का प्रयास करते हैं। 

बचत दीर्घकालीन उद्देश्यों की पूर्ति में सहयोगी 

प्रत्येक व्यक्ति के कुछ दीर्घकालीन उद्देश्य होते हैं जैसे बच्चों को उच्च शिक्षा देना, जमीन खरीद के घर का निर्माण करना या बच्चों की शादी इत्यादि ऐसे दीर्घकालीन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता होती है. इन उद्देश्यों को केवल बचत व्यवस्था के माध्यम से ही पूरा करना संभव हो सकता है। मुख्य रूप से निम्न एवं मध्य आय वर्ग के लोगों अपने दीर्घकालीन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए छोटा-छोटा बचत करते हैं ताकि इन लक्षण की पूर्ति हेतु भविष्य में आर्थिक रूप से सशक्त बन जा सके।

बचत का निर्धारण करने वाले कारक (Savings Factors)

बचत का निर्धारण करने के मुख्य तीन कारक हैं जिनके संबंध में अगर आप समुचित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप नीचे दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़िए क्योंकि हमने बचत का निर्धारण करने वाले तीनों कारकों के बारे में निम्नलिखित प्रकार से नीचे बताया है-

बचत करने की क्षमता 

किसी भी निम्न या मध्य आय वर्ग के लोगों एवं परिवारों के द्वारा की जाने वाली बचत को सुनिश्चित करने के लिए सर्वप्रथम यह जानना बेहद आवश्यक है कि उसे परिवार या व्यक्ति की बचत करने की क्षमता कितनी है क्योंकि परिवार या किसी व्यक्ति के द्वारा अर्जित की जाने वाली आए उसकी बचत को प्रभावित करती है। उदाहरण के लिए यदि किसी परिवार की आई बहुत अधिक काम है और वह अपनी स्वयं की आय के द्वारा अपनी सभी पारिवारिक मूल आवश्यकताओं को पूरा करते हैं तो ऐसी स्थिति में उसे परिवार में किसी भी प्रकार की बचत हो पाना बेहद ही कठिन होता है।

क्योंकि कम आय अर्जित करने वाले परिवारों की पूरी आए उनके मूल आवश्यकताओं की पूर्ति करने में ही खर्च हो जाती है, परिणाम स्वरूप भविष्य के लिए बचत के लिए कोई भी धनराशि शेष नहीं बचती हैं। वही अधिक आय अर्जित करने वाले परिवार अपनी सभी मूलभूत आवश्यकताओं पर व्यय करने के उपरांत भी कुछ धन शेष बचा कर उसे बचत के रूप में सुरक्षित कर सकते हैं। खाने का तात्पर्य यह है कि निर्धन व्यक्ति की अपेक्षा धनी व्यक्ति की बचत करने की क्षमता अत्यधिक होती है और यही कारण है कि निर्धन व्यक्ति बचत नहीं कर पता है।

बचत की इच्छा 

बचत की इच्छा भी बचत का निर्धारण करने का एक प्रमुख कारक है क्योंकि व्यक्ति केवल तभी अपनी आय का कुछ भाग बचत के रूप में सुरक्षित कर सकता है जब उसके अंदर बचत करने की इच्छा होगी। मुख्य रूप से एक व्यक्ति के अंदर बचत करने की इच्छा कई प्रकार के कारणों जैसे – पारिवारिक प्रेम, आर्थिक सुरक्षा, भावी आवश्यकताओं और समाज में प्रतिष्ठा पाने के उद्देश्य से जागृत होती है, किंतु यदि किसी व्यक्ति के अंदर बचत करने की इच्छा नहीं है तो वह व्यक्ति अपने मूल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निरंतर धन की बर्बादी करता रहता है। जिसकी वजह से उन्हें भविष्य में कई प्रकार की मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं।

बचत करने के लिए उपलब्ध सुविधाएं

किसी भी देश का नागरिक बचत करें यह तभी संभव है जब उसे देश में बचत करने के लिए उचित सुविधाएं उपलब्ध होती है और यदि किसी देश में बचत करने के लिए पर्याप्त सुविधाएं, सेवाएं और योजनाएं उपलब्ध नहीं है तो उसे देश का नागरिक कभी भी सही तरीके से अपनी आय को बचत के रूप में बचा कर नहीं रख पाएगा और ना ही ऐसे देश के नागरिक कभी बचत करने के लिए प्रेरित होते है। विदेश की जनता बचत कर सके इसके लिए जरूरी है कि उन्हें बचत के लिए पर्याप्त और सुरक्षित साधन एवं योजनाएं जैसे- बैंक, डाकघर, बीमा विश्वसनीय औद्योगिक इकाई के अंश पत्र इत्यादि उपलब्ध कराए जाए।

बचत करने के लिए कुछ सुझाव (Tips for saving in Hindi)

अगर आप बचत करना चाहते है तो इसके लिए हमने कुछ टिप्स बताई है जो आपकी बचत के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होंगी, जो निम्नलिखित प्रकार से नीचे उपलब्ध है-

बचत की शुरुआत शीघ्र करें

बचत करने का कोई सही समय नहीं होता आप आज से ही बचत करना शुरू कर सकते हैं, अगर आप बचत और निवेश के क्षेत्र में विशेषज्ञ नहीं है फिर भी आप बचत करना शीघ्र शुरू करें आप हर महीने अपनी आय का छोटा भाग बचत के रूप में अलग रख सकते हैं आपको ही नहीं बल्कि आपको अपने बच्चों को भी बचत करने की और प्रोत्साहित करना चाहिए जो आपको आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने और लंबी अवधि तक धन पर लाभ अर्जित करने में सहायक हो सकती है।

व्यय करने से पूर्व बचत करें

किसी भी प्रकार की वस्तु या फिर उत्पादन पर खर्च करने से पहले बचत के विषय पर अवश्य सोचें। बचत करने के पश्चात ही आपको शेष बचे धन का उपयोग अपनी मूल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खर्च करना चाहिए। आप चाहे तो अपनी आय का कुछ भाग हर महीने अपने बैंक खाता या म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं आपको हमेशा अपनी बचत का धन महानिवेश करना चाहिए जहां धन पुनः प्राप्त करने की प्रक्रिया आसान है। इसलिए सर्वप्रथम आप अपना मासिक बजट बनाएं और उसके अनुसार निर्धारित बजट के अनुसार बचत करने का प्रयास करें।

अनावश्यक व्यय करने से बचें

अपनी यह अपने परिवार के भविष्य के लिए बचत करने हेतु अनावश्यक खर्च पर प्रतिबंध लगाना बेहद आवश्यक है। वर्तमान समय में बाजार में उपभोक्ताओं के लुभाने के लिए कई प्रकार की नई-नई वस्तुएं आ रही हैं कई बार लॉग इन वस्तुओं के लालच में आकर अपना पैसा खर्च कर देते हैं किंतु उन्हें इन चीजों की आवश्यकता नहीं होती इस प्रकार उनके धन की बर्बादी होती है इसलिए बचत की वृद्धि करने हेतु अनावश्यक खर्च करने से बचे और उसे दिन को बचत के रूप में अलग करने का प्रयास करें।

अत्यधिक ब्याज लेने वाले ऋण का भुगदान शीघ्र करें 

यदि आपने किसी पारिवारिक स्थिति या निजी कारणवश कोई ऐसा लोन लिया है जिसके लिए आपको अत्यधिक ब्याज चुकाना पड़ता है तो आपको ऐसे लोन को जल्द से जल्द चुकाने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि अत्यधिक ब्याज के कारण व्यक्ति की आय का एक बड़ा भाग इस लोन की ईएमआई को चुकाने में खर्च हो जाता है एवं भविष्य के लिए धन को बचाने के लिए धन शेष नहीं बचता। जिसकी वजह से परिवार को आगे चलकर कई प्रकार की परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है और उन्हें पुनः इन परिस्थितियों के निवारण हेतु लोन लेने की आवश्यकता पड़ जाती है। 

मूलधन की सुरक्षा सुनिश्चित करें

एक व्यक्ति धन अर्जित करने के लिए कड़ी मेहनत करता है और अपनी कई इच्छाओं का त्याग करके पैसे बचाता है लेकिन कई बार एक गलत व्यवसायिक इकाईयों में  निवेश करने की वजह से लोगों को अपना पैसा कमाना पड़ जाता है। यही कारण है कि एक बचत करता को बचत या विनियोग के साधनों के चुनाव करते समय सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि वर्तमान समय में बहुत सारे ऐसे संसाधन आ चुके हैं। जिनमें निवेश धनराशि पर बहुत अधिक लाभ मिलता है।

लेकिन इन संसाधनों में जोखिम की संभावना भी अधिक होती है मुख्य रूप से निजी व्यवसायिक इकाईयों की साख अच्छी नहीं होती और उनमें निवेश करने में जोखिम अधिक रहता है और पैसा डूब जाने का भय सदैव बना रहता है। इसलिए इस प्रकार के जोखिम से बचने के लिए इनके सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी एवं सम्बन्धित जोखिम पर विचार करने के उपरान्त ही निर्णय लें।

साधन की व्यवस्था में सुविधा

बचत करता अपने द्वारा अर्जित की गई आई का कुछ भाग बचत एवं वियोग के साधनों में निवेश करना चाहता है तो इससे पूर्व उन्हें निवेश प्रक्रिया एवं व्यवस्था के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए और सदैव ऐसे साधनों का चुनाव करना चाहिए जिसकी निवेश प्रक्रिया एवं व्यवस्था अत्यधिक जटिल ना हो क्योंकि कई बार ऐसा देखा गया है कि निवेश व्यवस्था जटिल होने के कारण निवेशकों को उसे संसाधन में बने रहने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसलिए आप संसाधन का चुनाव करें जिनमें आपके लिए निवेश करना आसान हो।

बचत एवं विनियोग के साधन

वर्तमान समय में लोगों के समक्ष बचत एवं विनियोग हेतु कई सारे साधन उपलब्ध हैं इनमें से कुछ साधन सरकारी क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं और कुछ साधन निजी व्यवसाय के क्षेत्र के अंतर्गत हैं इन सभी प्रकार के साधनों में धान उत्पादक के रूप में सुरक्षित रखा जाता है इनमें से कुछ ऐसे साधन है जो विशेष रूप से ग्रामीण एवं निम्न आय वर्ग के लोगों को बचत करने के लिए उपलब्ध कराए जाते हैं, जैसे कि-

  • बैंक
  • डाकघर
  • बीमा
  • यूनिट्स
  • अंश / शेयर
  • ऋण पत्र

Bachat kya hai Related FAQs 

बचत क्या है?

यह किसी व्यक्ति के द्वारा अर्जित की गई आय का वह भाग होता है, जो व्यक्ति अपनी पारिवारिक मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु भविष्य के लिए सुरक्षित अलग रखना है।

बचत करने के लिए सबसे जरूरी क्या है?

बचत करने के लिए सबसे आवश्यक है कि आप अपनी फिजूल खर्ची पर प्रतिबंध लगाए और अत्यधिक ब्याज वाले ऋण का जल्दी भुगतान करने का प्रयास करें।

बचत कौन कर सकता है?

कोई भी व्यक्ति बचत कर सकता है जो अपने भविष्य में आने वाली परिस्थितियों के निपटारे हेतु आर्थिक रूप से सशक्त बनना चाहता है मुख्य रूप से अधिक करने वाले लोग बचत करने के प्रति अधिक ध्यान देते हैं।

किन साधनों के अंतर्गत बचत कर सकते है?

कोई भी व्यक्ति निम्न साधनों के अंतर्गत बचत कर सकता है जैसे कि- बैंक, डाकघर, बीमा पॉलिसी, यूनिट्स, अंश / शेयर, ऋण पत्र आदि।

निष्कर्ष 

यदि आपका अपने भविष्य को लेकर कोई दीर्घकालीन उद्देश्य है जिसे पूरा करने के लिए आप धन को एकत्रित करना चाहते हैं तो आपको आज से ही बचत करने की आदत डालने चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि आपके लिए हमारे द्वारा आज के इस आर्टिकल के माध्यम से बचत क्या है? | Bachat kya hai in Hindi से जुड़ी बताई गई सभी जानकारी पसंद आई होगी।

अगर अभी भी आपके मन में हमारे इस लेख एक से संबंधित कोई प्रश्न है या फिर आप इससे संबंधित कोई सुझाव हमें देना चाहते हैं तो आप अपने प्रश्न या सुझाव नीचे कमेंट सेक्शन में लिखकर हमें बता सकते हैं। और यदि आप आगे भी इसी प्रकार की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट के साथ बने रहिए।

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